
Journal of Advances in Developmental Research
E-ISSN: 0976-4844
•
Impact Factor: 9.71
A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal
Plagiarism is checked by the leading plagiarism checker
Call for Paper
Volume 16 Issue 1
2025
Indexing Partners



















पर्यावरण प्रदूषण बनाम हरित गृह(ग्रीन हाउस) प्रभाव (कबीरधाम जिले के विशेष संदर्भ में।)
Author(s) | डॉ. द्वारिका प्रसाद चन्द्रवंशी |
---|---|
Country | India |
Abstract | आज विश्व के लगभग सभी देश पर्यावरण प्रदूषण से ग्रस्त एवं चिंतित है। पर्यावरण का अर्थ हमारे आसपास के वातावरण (एवं उसे प्रभावितकरने वाले तत्व) से है, जिसमें मुख्य रूप से हवा, पानी एवं मृदा सम्मिलित है। इन्हीं घटकया घटकों का प्रदूषित होना ही पर्यावरण प्रदूषण है। भारत और उनके राज्यों में छत्तीसगढ़ भी इस प्रदूषण से अछूता नही है। दिल्ली का ‘‘ऑड एण्ड इवन‘‘ फार्मूला को इसे कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। आज का पर्यावरण नैसर्गिक कम मानव निर्मित अधिक प्रतीत हो रहा है। मानव स्वार्थ में अंधा होकर अधिक पाने की चाह मेंपर्यावरण को लगातार प्रदूषित कर रहा है। मनुष्य की दिन दूनी और रात चौगुनी प्रगति करने की लिप्सा तीव्र औद्योगीकरण एवं तकनीकी का बेजा इस्तेमाल इसके लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी, है। पर्यावरण के वायुतत्व के प्रदूषण में ग्रीन हाउस गैसों का योगदान सर्वोपरी है, जिसके कारण ग्लोबल वार्मिम जैसी विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। जिसके कई दुष्परिणाम सामने भी आ रहे है। ‘‘धूल धुआँ और बढ़ता शोर। धरती चली नाश की ओर।।‘‘ |
Keywords | ऑड एण्ड इवन, छेछा, चीला, चूल, कूट, ग्लोबल वार्मिग, गर्भाधान, सरताज, दानव |
Published In | Volume 10, Issue 2, July-December 2019 |
Published On | 2019-11-10 |
Cite This | पर्यावरण प्रदूषण बनाम हरित गृह(ग्रीन हाउस) प्रभाव (कबीरधाम जिले के विशेष संदर्भ में।) - डॉ. द्वारिका प्रसाद चन्द्रवंशी - IJAIDR Volume 10, Issue 2, July-December 2019. |
Share this


CrossRef DOI is assigned to each research paper published in our journal.
IJAIDR DOI prefix is
10.71097/IJAIDR
Downloads
All research papers published on this website are licensed under Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License, and all rights belong to their respective authors/researchers.
