Journal of Advances in Developmental Research

E-ISSN: 0976-4844     Impact Factor: 9.71

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पार्श्वनाथ जैन मंदिर: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में

Author(s) Ghanshyam lal dhaker
Country India
Abstract यह शोध-पत्र सिरोही जिले के प्रसिद्ध जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर की ऐतिहासिकता और धार्मिकता पर आधारित है, जिसमें मंदिर के ऐतिहासिक विकास, क्षेत्रीय परंपराओं और धार्मिक संस्कृति का गहराई से अध्ययन किया गया है। इस मंदिर का महत्व केवल एक पूजा स्थल के रूप में ही नहीं, बल्कि यह एक समृद्ध तीर्थ स्थल भी है, जो धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और बौद्धिक दृष्टिकोण से अनगिनत आयामों को समेटे हुए है। मंदिर का इतिहास अतीत से लेकर वर्तमान तक एक लम्बे समयकाल की यात्रा को दर्शाता है, जहाँ लोक संस्कृति और परंपराओं का संगम है। यह तीर्थ स्थल न केवल धार्मिक आस्थाओं का केंद्र है, बल्कि यह क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक जीवन का भी प्रमुख अंग बन चुका है। जीरावला पार्श्वनाथ जैन मंदिर में 108 पार्श्वनाथ प्रतिमाओं सहित अन्य मूर्तियों और अभिलेखों का संग्रह है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को उजागर करते हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिर के विभिन्न भवनों, जीर्णोद्धार कार्यों, प्राण-प्रतिष्ठाओं और तीर्थ क्षेत्र के विस्तार का भी इस शोध में विशेष उल्लेख किया गया है। इस अध्ययन के माध्यम से इस मंदिर के वास्तु-संस्कृति और धार्मिक इतिहास का भी बारीकी से विश्लेषण किया गया है।
Keywords पार्श्वनाथ, जीरावला, जैन, युगयुगीन, सिरोही, तीर्थ-मंदिर, ऐतिहासिकता, धार्मिक संस्कृति
Field Arts
Published In Volume 16, Issue 1, January-June 2025
Published On 2025-01-27
Cite This पार्श्वनाथ जैन मंदिर: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में - Ghanshyam lal dhaker - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025.

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