Journal of Advances in Developmental Research

E-ISSN: 0976-4844     Impact Factor: 9.71

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 16 Issue 1 January-June 2025 Submit your research before last 3 days of June to publish your research paper in the issue of January-June.

नसिरा शर्मा के कथा साहित्य में स्त्री- विमर्ष

Author(s) गोपाल लाल बैरवा
Country India
Abstract आज का युग महिला सषक्तिकरण का युग है। जब से महिला सषक्तिकरण वर्ष मनाया गया तब से स्त्री विमर्ष विषय केन्द्र में आने लगा। इसलिए सभी सुधी जन-साहित्यकार, पत्रकार व्यवसयी, कॉरपोरेट कर्मी, इस दिषा में सजग है। विज्ञापनदाता, समाज सेवक, कार्यकार्ता, मीडिया फिल्म आदि हर कोई सदियों से पीछे धकेल दी गई शोषित-दमित स्त्री को केन्द्र में लाकर उस पर पुनः विचार करने की तैयारी में है।
स्त्री-विमर्ष शब्द को सही ढंग से समझने के लिए इसे सर्वप्रथम दो भागों में विभक्त करना होगा। ‘स्त्री तथा विमर्ष। ‘स्त्री’ वैदिक संस्कृत शब्द है। ‘ऋग्वेद’ (4-6-7) में इसका सर्वप्रथम प्रयोग किया गया था। स्त्री शब्द की व्युत्पत्ति के अनुसार ‘स्त्री-सूत्री- जन्मदात्री अर्थात् वह परिवार की सूत्रधारक हाने से स्त्री कही जाती हैं। ‘स्त्री’ शब्द ‘सत्य’ धातु से बना है जिसका अर्थ लज्जायुक्त होना लिया जाता है। पंतजलि ने कहा ‘नारी’ को स्त्री इसलिए कहा जाता है कि गर्भ की स्थिति उसके भीतर होती है। उनकी एक दूसरी व्युत्पत्ति के अनुसार शब्द, स्पर्ष, रूप, रस और गंध का समुच्चय स्त्री है। ‘‘पति का सम्मान करने वाली अथवा पूज्य होने के कारण नारी को महिला भी कहा जाता है। ‘‘मह़इलच़आ-महिला’’। प्रख्याता आलोचक नामवर सिंह के शब्दों में ‘विमर्ष’ हिन्दी में मिषेल फूको के ‘डिस्कोर्स’ का अनुवाद है। वास्तव में ‘स्त्री विमर्ष’ का सामान्य अर्थ ‘स्त्री’ के सन्दर्भ में विमर्ष, विचार, विनिमय करना है। ‘एक दूसरा अर्थ इस रूप में लगाया जा सकता है ‘‘स्त्रियों के विषय में विचार, एवं चिंतन करना। ‘‘इनका तीसरा अर्थ ‘‘स्त्री का, स्त्री के लिए, स्त्री द्वारा लिखा गया, लेखन और विमर्ष है।’’
Keywords .
Field Arts
Published In Volume 16, Issue 1, January-June 2025
Published On 2025-02-03
Cite This नसिरा शर्मा के कथा साहित्य में स्त्री- विमर्ष - गोपाल लाल बैरवा - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025.

Share this