
Journal of Advances in Developmental Research
E-ISSN: 0976-4844
•
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Volume 16 Issue 1
2025
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अकबर की मंसबदारी प्रथा: प्रशासनिक संरचना और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का अध्ययन
Author(s) | उमाकान्त शुक्ल |
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Country | India |
Abstract | यह शोध पत्र अकबर की मंसबदारी प्रथा की प्रशासनिक संरचना और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण करता है। मंसबदारी प्रणाली एक केंद्रीकृत और अनुशासित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जो सैन्य और नागरिक पदाधिकारियों की नियुक्ति और वेतन प्रणाली को नियंत्रित करती थी। इसमें मंसबदारों को जात (पद) और सवार (घुडसवारों की संख्या) के आधार पर श्रेणियों में विभाजित किया गया था, जिससे प्रशासनिक स्थिरता बनी रही। मंसबदारी प्रथा ने मुगल शासन में सैन्य और नौकरशाही संगठन को मजबूत किया, जिससे शासन अधिक प्रभावी बना। इस प्रणाली ने विभिन्न जातीय और धार्मिक समुदायों को प्रशासन में शामिल करके सामाजिक समरसता को बढावा दिया। हालाँकि, समय के साथ जागीरदारी शोषण, भ्रष्टाचार और वित्तीय संकट जैसी समस्याएँ उभरने लगीं, जिससे यह व्यवस्था कमजोर हो गई। औरंगजेब के शासनकाल में मंसबदारों की अत्यधिक वृद्धि और जागीरों की सीमित उपलब्धता के कारण असंतोष फैलने लगा। 18वीं शताब्दी में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के प्रभाव में यह प्रणाली धीरे-धीरे समाप्त हो गई। अंतः मंसबदारी प्रथा ने मुगल शासन को एक संगठित प्रशासनिक ढांचा प्रदान किया, लेकिन इसकी आंतरिक कमजोरियों ने मुगल साम्राज्य के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |
Keywords | मंसबदारी, मंसब, जात, मुगल शासन |
Field | Arts |
Published In | Volume 16, Issue 1, January-June 2025 |
Published On | 2025-04-02 |
Cite This | अकबर की मंसबदारी प्रथा: प्रशासनिक संरचना और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का अध्ययन - उमाकान्त शुक्ल - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025. |
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