
Journal of Advances in Developmental Research
E-ISSN: 0976-4844
•
Impact Factor: 9.71
A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal
Plagiarism is checked by the leading plagiarism checker
Call for Paper
Volume 16 Issue 1
2025
Indexing Partners



















समाज के विकास में ग्रंथालयों का योगदान
Author(s) | कन्या |
---|---|
Country | India |
Abstract | समाज तथा ग्रंथालयों का गहन सम्बन्ध है। समाज ऐसे लोगों का एक समूह होता है जो किसी विषेष प्रयोजन अथवा कार्य के लिए परस्पर मेल जोल रखते हैं और कुछ नियमों तथा परम्पराओं में भागीदार होते हैं। समाज का शाब्दिक अर्थ है; समुदाय या जनता या सामान्य लोग जो एक क्षेत्र में अथवा एक काल में इकट्ठे रहते हैं। ग्रंथालय लोगों से सम्बध्द होने के नाते सामाजिक संस्थाएँ है। गं्रथालयों का अस्तित्व ही समाज के लिए होता है। मानव सभ्यता पर दृष्टिपात करने से पता चलता है कि ग्रंथालय सभ्य समाज का एक अभिन्न अंग रहे हैं। समाज सेवा ही ग्रंथालयों का उद्देष्य है। ग्रंथालयों के प्रकार, विषेषतायें, प्रयोजन, कार्य तथा सेवाएँ सभी समाज की आवष्यकताओं के अनुसार निर्धारित होते हैं। ग्रंथालयों ने समाज के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक विकास में सदैव एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज के सभ्य समाज के निर्माण में ग्रंथालयों का सराहनीय योगदान रहा है। |
Keywords | ग्रंथालय, समाज, शोध और अनुसंधान, सांस्कृतिक सूचना संचार, धार्मिक, आध्यात्मिक। |
Field | Arts |
Published In | Volume 16, Issue 1, January-June 2025 |
Published On | 2025-02-15 |
Cite This | समाज के विकास में ग्रंथालयों का योगदान - कन्या - IJAIDR Volume 16, Issue 1, January-June 2025. |
Share this


CrossRef DOI is assigned to each research paper published in our journal.
IJAIDR DOI prefix is
10.71097/IJAIDR
Downloads
All research papers published on this website are licensed under Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License, and all rights belong to their respective authors/researchers.
